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कुलवंत
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blue-blooded
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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aristocratic
Meanings: 3; in Dictionaries: 2
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aristocratical
Meanings: 2; in Dictionaries: 2
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patrician
Meanings: 5; in Dictionaries: 3
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gentle
Meanings: 21; in Dictionaries: 5
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कुळिवंत
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blue
Meanings: 27; in Dictionaries: 7
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कुळिपु
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कुळवंतवान
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कुळवंत
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खाणी
Meanings: 4; in Dictionaries: 3
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मानसगीत सरोवर - काय सांगू यशोदे ग करितो ख...
भगवंताच्या लीला, त्याचे स्वरूप, अवतारकृत्ये व प्रत्येक अवतारातील अनेकविध प्रसंग, यावर आधारीत भजनांचा संग्रह, म्हणजेच मानसगीत सरोवर.
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मूर्खलक्षणनाम - ॥ समास आठवां - सद्विद्यानिरुपणनाम ॥
इस ग्रंथराज के गर्भ में अनेक आध्यात्मिक ग्रंथों के अंतर्गत सर्वांगीण निरूपण समाया हुआ है ।
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कूळ
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अध्याय दुसरा - समास पहिला
श्रीसद्गुरुलीलामृत
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सगुणपरीक्षा - ॥ समास नववा - मृत्युनिरुपणनाम ॥
श्रीमत्दासबोध के प्रत्येक छंद को श्रीसमर्थ ने श्रीमत्से लिखी है ।
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अध्याय तिसरा - समास चवथा
श्रीसद्गुरुलीलामृत
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शिवाजी महाराजांचा पोवाडा - शिवगौरव
इतिहासाचे साधन म्हणून पोवाड्यांचे महत्व विशेष आहे. पोवाडे हे गीत-नाट्यरूप असल्यामुळे त्यात मनोरंजन व प्रचार यांचा मेळ घातला जातो.
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श्री कृष्णा माहात्म्य - अध्याय ५
विष्णूंच्या चरणांपासून कृष्णा नदी उत्पन्न झाली म्हणून तिचे पाणी विष्णुपादोदक आहे. त्यामुळे गंगेपेक्षाही तिचे महत्त्व अधिक आहे.
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नक्षत्रस्वामी - अध्याय पाचवा
श्री नक्षत्रस्वामींचा जन्म हाच मुळी एक चमत्कार , कारण त्यांचा जन्म एका विधवेच्या पोटी आणि तोही नक्षत्रापासून .
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यशवंतराय महाकाव्य - सर्ग पहिला
श्री. वासुदेव वामन शास्त्री खरे यांनीं रचिलेंले.
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अध्याय २४
संतकवी महीपतीबोवा ताहराबादकर विरचित
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कथामृत - अध्याय एकोणिसावा
प्रस्तुत कथामृताच्या पारायणाने भक्तगणांना वारंवार विविध मनोहारी अनुभव येतात.
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अध्याय दुसरा - ज्ञानेश्वरदर्शन
भगवान सद्गुरु श्रीगोविंद अनंत ऊर्फ श्रीमामामहाराज केळकर यांचे चरित्र.
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पांडवप्रताप - अध्याय २५ वा
पांडवप्रताप ग्रंथवाचन म्हणजे चंचल मनाला भक्तियोगाकडे वळविण्याचा प्रवास.
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पांडवप्रताप - अध्याय ५ वा
पांडवप्रताप ग्रंथवाचन म्हणजे चंचल मनाला भक्तियोगाकडे वळविण्याचा प्रवास.
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